अफगानिस्तान: के पूर्वी हिस्से में 6.0 तीव्रता वाला भूकंप आया, जिसने भारी तबाही मचाई है। इस भूकंप के कारण कम से कम 800 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और सैंकड़ों घायल हुए हैं। भूकंप का केंद्र पक्तिका और ख़ोस्त प्रांतों में था, जो पहाड़ी और कमज़ोर बुनियादी ढांचे वाले इलाक़े हैं। इस वजह से मकान, खासकर कच्ची ईंटों और मिट्टी से बने घर, आसानी से ढह गए।
भूकंप के झटके इतनी तेज़ी से आए कि लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिला। राहत कार्य तेजी से शुरू किए गए हैं, लेकिन खराब मौसम और दुर्गम इलाक़ों के कारण बचाव अभियान में काफी बाधाएं आ रही हैं। स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय राहत संगठन पीड़ितों को बचाने और पुनर्वास करने की कोशिश कर रहे हैं।
भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कें टूट गई हैं और कई गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। बिजली और संचार नेटवर्क भी बाधित हुए हैं, जिससे बचाव कार्य और आपसी संपर्क में परेशानी हो रही है। सरकार ने राष्ट्रीय आपदा की घोषणा कर दी है और देश-विदेश से मदद की अपील की है।
इस त्रासदी ने अफगानिस्तान में पहले से ही चल रहे राजनीतिक और आर्थिक संकट को और गंभीर बना दिया है। यहाँ के कमजोर प्रशासन और सीमित संसाधनों के कारण प्रभावित लोगों की मदद करना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।