Tuesday, October 21, 2025
No menu items!
spot_img

40 मिनट में पूरा होगा 2 घंटे का सफर

 नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (17 अगस्त) को अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-II) और द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) के दिल्ली भाग का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मौजूद रहे।

दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले इन दो हाई स्पीड कॉरिडोर्स के लोकार्पण से लोगों की आवाजाही आसान होगी। लगभग 11,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार दोनों सड़क परियोजनाओं से एनसीआर के अलावा देश के अन्य हिस्सों में यातायात संचालन बेहतर होगा।

अब द्वारका एक्सप्रेसवे से सिंघु बॉर्डर से दिल्ली एयरपोर्ट का सफर 40 मिनट में पूरा होगा। पहले इस सफर में 2 घंटे का वक्त लगता था। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली को जाम और प्रदूषण मुक्त बनाने का लक्ष्य है। सरकार इसी दिशा में काम कर रही है।

बक्करवाला मुंडका टोल के पास से रोड शो के दौरान लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी।

सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “दिल्ली की मुख्यमंत्री होने के नाते, पीएम मोदी नेतृत्व में पिछले 5 महीनों के प्रशासनिक अनुभव के आधार पर, मैं कह सकती हूं कि आप दूरदर्शी नेता हैं, जिनकी सोच में भारत का प्रत्येक नागरिक शामिल हैं। जिनकी नीतियां सुनिश्चित करती हैं कि भारत का प्रत्येक राज्य बराबर का भागीदार है। जिनके संकल्प से भारत का प्रत्येक नागरिक सुरक्षित महसूस करता है। आप वो ताकत हैं जिसने राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा है।”

एक नजर में द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट

  • इसे कुल चार पैकेज में बांटा गया है। दो पैकेज गुरुग्राम इलाके में और दो पैकेज दिल्ली इलाके में हैं।
  • गुरुग्राम के दोनों पैकेज के निर्माण की जिम्मेदारी एलएंडटी नामक कंपनी के पास है।
  • दिल्ली के दोनों पैकेज की जिम्मेदारी जय कुमार इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड नामक कंपनी के पास है।
  • गुरुग्राम में पहला पैकेज खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से बसई-धनकोट के नजदीक तक 8.76 किलोमीटर का है।
  • गुरुग्राम में दूसरा पैकेज बसई-धनकोट के नजदीक से गुरुग्राम-दिल्ली सीमा तक 10.2 किलोमीटर का है।
  • दिल्ली में पहला पैकेज गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से बिजवासन तक लगभग 4.20 किलोमीटर का है।
  • दिल्ली में दूसरा पैकेज बिजवासन से महिपालपुर में शिवमूर्ति तक 5.90 किलोमीटर का है।
  • प्रोजेक्ट का 18.9 किलोमीटर हिस्सा गुरुग्राम में जबकि बाकी 10.1 किलोमीटर हिस्सा दिल्ली में पड़ता है।
  • प्रोजेक्ट का 23 किलोमीटर भाग एलिवेटेड और लगभग चार किलोमीटर भूमिगत (टनल) बनाया गया है।
  • द्वारका एक्सप्रेस-वे से पालम एयरपोर्ट तक जाने के लिए 3.6 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई गई है।
  • द्वारका एक्सप्रेस-वे देश का पहला अर्बन एक्सप्रेस-वे है।
  • इसका एलिवेटेड हिस्सा सिंगल पिलर के ऊपर बनाया गया है।
  • निर्माण में दो लाख एमटी स्टील का इस्तेमाल हुआ है जो एफिल टावर के निर्माण की तुलना में 30 गुना अधिक है।
  • 20 लाख सीयूएम कंक्रीट का इस्तेमाल किया जाएगा जो बुर्ज खलीफा की तुलना में छह गुना अधिक है।
  • प्रोजेक्ट के लिए 12 हजार से अधिक पेड़ों का ट्रांसप्लांट किया गया है।
  • इसके चालू होने से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक का दबाव लगभग 25 प्रतिशत कम हुआ है।

निर्माण के पीछे मुख्य उद्​देश्य

दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर से ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए गुरुग्राम में खेड़कीदौला टोल प्लाजा के नजदीक से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति के सामने तक लगभग नौ हजार करोड़ रुपये की लागत से द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है।

एक नजर में यूईआर-दो

  • यह दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक 75.71 किलोमीटर लंबा है।
  • दिल्ली के लिए तीसरे रिंग रोड के रूप में विकसित यह 6-लेन का एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेसवे है।
  • यह बवाना, नरेला, कंझावला, मुंडका, द्वारका, सोनीपत, रोहतक, जींद, बहादुरगढ़ सहित कई प्रमुख क्षेत्रों से जुड़ा है।
  • इसे द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे सहित कई राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ा गया है।
  • मुख्य उद्देश्य दिल्ली में ट्रैफिक जाम को कम करना और विभिन्न क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी में बेहतर बनाना है।
  • इसे तीसरी रिंग रोड के रूप में डिजाइन किया गया है, जो इनर और आउटर रिंग रोड को जोड़ता है।
  • कई इलाकों के जुड़ने से आने वाले समय में यूईआर-दो बड़ा लाजिस्टिक हब के रूप में दिखाई देगा।
  • यूईआर-दो के बारे में ये भी जानिए

    • वर्ष 2000 में दिल्ली मास्टर प्लान 2021 के तहत दिल्ली के तीसरे रिंग रोड के रूप में डिजाइन किया गया था।
    • यह 27 फ्लाईओवर, 26 छोटे पुल और 17 सबवे से सुसज्जित एक्सप्रेसवे है।
    • यह एक एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेसवे है, जिसमें चौराहों पर ऊंचे फ्लाईओवर और स्थानीय यातायात के लिए अलग सर्विस लेन हैं।
    • इसे ग्रीन रोड के रूप में भी विकसित किया गया है। इसमें गाजीपुर लैंडफिल से 20 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया है।
    • यह ई-हाईवे बनने वाले पहले राष्ट्रीय राजमार्गों में से एक है। इसके ऊपर ई-बसों, ई-ट्रालियों और ई-कारों को चलाने की योजना है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

ताज़ा ख़बरें