नई दिल्ली: नेपाल के बाद अब फ्रांस में भी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (France protest) हो शुरू हो गया है। फ्रांस के लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ (Macron resignation calls) सड़कों पर उतार आए हैं। फ्रांस की राजधानी पेरिस में कई जगहों पर आगजनी हो रही है और लोग पुलिस पर पथराव कर रहे हैं। (Block Everything movement) विरोध प्रदर्शन इतना अधिक हो गया है कि सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा साफ दिख रहा है।
फ्रांस में क्यों भड़की हिंसा?
फ्रांस के लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि मैंक्रों सरकार ने एक भी काम ऐसा नहीं किया, जिससे लोगों का जीवनस्तर बेहतर हो सके। उनका वित्तीय प्रबंधन भी काफी खराब रहा है। फ्रांस में इस प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया पर ‘Block Everything’ के आह्वान से हुई। इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से पेरिस में हिंसा भड़क गई।
फ्रांस में दंगे और अशांति
फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए अपने नए उम्मीदवार की घोषणा के एक दिन बाद ही पूरे फ्रांस में दंगे और अशांति फैल गई है। मैक्रों पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ने के साथ ही, पेरिस में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहा है। फ्रांकोइस बायरू के पद से हटने के बाद, राष्ट्रपति मैक्रों ने अपने करीबी सहयोगी सेबेस्टियन लेकोर्नु को फ्रांस का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
200 लोग गिरफ्तार
बुधवार को ‘ब्लॉकन्स टाउट’ यानि (सब कुछ रोको) आंदोलन पेरिस की सड़कों पर फैल गया। प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं और बसों में आग लगा दी। गृह मंत्रालय के अनुसार, इस अशांति के बीच कम से कम 200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस विरोध प्रदर्शन की वजह से रेलवे और बिजली लाइन को काफी नुकसान पहुंचा है।
फ्रांस में 80,000 सुरक्षा बल तैनात
फ्रांस के गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो ने विरोध प्रदर्शनों की निंदा की और आरोप लगाया कि प्रदर्शनकारी देश में ‘विद्रोह का माहौल’ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पूरे फ्रांस में लगभग 80,000 सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, जिनमें से 6,000 पेरिस में तैनात हैं।
मैक्रों पर इस्तीफे का दबाव
- साल 2022 में दोबारा चुने जाने के बाद से फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों पर इस्तीफा देने का भारी दबाव है। बुधवार के विरोध प्रदर्शन में भी इसी तरह की मांग की गूंज सुनाई दे रही है। पिछले तीन वर्षों में फ्रांस में कई विरोध प्रदर्शन हुए हैं जिनमें राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की गई है।
- साल 2023 में 17 वर्षीय नाहेल मेरजौक की दो पुलिस अधिकारियों के साथ मुठभेड़ में मौत के बाद फ्रांस में देशव्यापी अशांति और दंगे हुए। इसके अलावा, पेंशन में सुधारों को लेकर भी देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुआ।साल 2024 में फ्रांसीसी किसानों ने हड़ताल की और कम खाद्य कीमतों, डीजल के लिए राज्य सब्सिडी में प्रस्तावित कटौती के साथ यूरोपीय संघ और मर्कोसुर के बीच मुक्त व्यापार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
क्या राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों देंगे इस्तीफा?
फ्रांस में बार-बार हो रही अशांति के बावजूद, राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने विपक्ष पर भी निशाना साधा और उन पर ‘सत्ता के भूखे’ और ‘गैर-जिम्मेदार’ होने का आरोप लगाया।