Tuesday, October 21, 2025
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केवट ने श्रीराम को उतारा गंगा पार, श्रीराम-केवट संवाद सुनकर भावविभोर हुये दर्शक,

महरौनी,ललितपुर-श्रीरामयश कीर्तन मंडली के तत्वाधान में चल रहे 88 वें रामलीला महोत्सव के अंतर्गत सातवें दिवस श्रंगवेरपुर प्रवास और श्री राम-केवट संवाद की लीला का मंचन हुआ। जिसे उपस्थित जनसमूह द्वारा खूब सराहा गया।

लीला मंचन से पहले प्रतिदिन के आरतीकर्ताओ के क्रम में नगर पंचायत महरौनी के पार्षद नीलेश श्रीवास्तव लाला, अनूप अहिरवार, पवन जैन बजाज, पार्षद प्रतिनिधि अनिल शर्मा , सौरभ लखपति , राजेन्द्र बाजपेई शिक्षक और रिटायर्ड एडीएम विनय प्रकाश श्रीवास्तव के प्रतिनिधि प्रभु को आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

लीला मंचन के प्रथम दृश्य में राम,लक्ष्मण और सीता का श्रंगवेरपुर प्रवास होता है।भीलों के राजा निषादराज प्रभु का भावपूर्वक स्वागत सत्कार करते है।
अगले दृश्य में गंगा तट पर पहुँचे श्रीराम नदी पार जाने के लिये अपने भक्त केवट से नाव मांगते हैं लेकिन केवट इसके लिये तैयार नहीं होते।केवट अपना संशय प्रकट करते हैं कि कहीं आपकी चरणरज का स्पर्श पाकर मेरी नाव भी नारी ना बन जाये,जिस तरह पत्थर की शिला अहिल्या नारी बन गयी थी।इसलिये नाव में बैठाने से पहले केवट बडे भाव से राम, लक्ष्मण और सीता के चरण धुलाते हैं। तव भक्तवत्सल भगवान राम अपने हांथ केवट के सिर पर रखकर उन्हें आशीष देते हैं। गंगा पार उतरने के बाद राम जब केवट को उसकी मजदूरी देने की चेष्ठा करते हैं, तो केवट मजदूरी लेने से मना कर देते हैं और कहते हैं कि आज आप मेरे घाट पर आये तो मैंने आपको पार उतारा है और जब मैं आपके घाट आऊं तो आप मुझे भवसागर से पार लगा देना ।भक्त केवट के यह विचार सुनकर राम हर्षित हुये और केवट को आशीर्वाद देकर आगे बढते हैं। राम-केवट संवाद को सुनकर दर्शक भावविभोर हो गये।
वह क्रमशः मुनि भरद्वाज और बाल्मीकि के आश्रम में कुछ समय बिताते हैं। ऋषियों के बताये मार्ग पर जाकर राम,लक्ष्मण और सीता चित्रकूट प्रवास करते हैं।
अगले दृश्य में दुखी मन से करुण विलाप करते हुये सुमंत अयोध्या की ओर वापिस लौट रहे हैं।
यहां सातवें दिवस की लीला को विराम मिलता है।
लीला मंचन में प्रखर मिश्रा, सूर्या नायक,आदर्श उदैनिया ,हृदयेश गोस्वामी, विक्रम राय,डुग्गू गोस्वामी, हर्ष तिवारी, क्रिश, देवांश तिवारी,कृष्णकान्त नायक, अक्षत रिछारिया, अंकन श्रीवास्तव, पीयूष शुक्ला, सूर्यकान्त त्रिपाठी,राज सेन,विवेक तिवारी ने सराहनीय अभिनय किया।
रामलीला महोत्सव को सफल बनाने में बाबूलाल नायक,श्यामस्वरूप पालीबाल ,रामेश्वर रिछारिया,कृष्णस्वरूप पटैरिया,रामेश्वर सोनी,आशाराम तिवारी, महेन्द्र सिंह,दुष्यंत बडौनिया,संजय पांडेय भारत, कुलदीप खरे एड.,दुष्यंत बडौनियां, जानकी पेंटर ,शैलेन्द्र नायक,हृदयेश गोस्वामी,दिनेश श्रीवास्तव ,आनंद त्रिपाठी,हरिहरमोहन तिवारी,अभय दुबे, अमित नायक,सुरेंद्र तिवारी, पवन तिवारी, मुकेश नायक,सोनू पाठक,दिनेश राय, राजू पेंटर, राजबहादुर खरे, अखिलेश सोनी, विवेक बंटी सोनी, सुरेश श्रीवास्तव, राजू सेन ,महिपाल सिंह,जितेंद्र , सतेन्द्र पालीबाल,दीपक तिवारी मोना,कल्लू राजा ,शैलेश चतुर्वेदी, दीपक तिवारी मोना, आदि सराहनीय सहयोग दे रहे हैं।
रामलीला महोत्सव में आज
सीता हरण एवं राम सुग्रीव मित्रता की लीला का मंचन होगा।

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