Monday, November 17, 2025
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इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपना सत्रहवां वार्षिक दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया

  1. लखनऊ, 02, नवंबर: इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपना सत्रहवां वार्षिक दीक्षांत समारोह धूमधाम से मनाया, जहां विद्यार्थियों की मेहनत और उपलब्धियों का सम्मान किया गया। इस मौके पर उत्तर प्रदेश के नगरीय विकास एवं ऊर्जा विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा मुख्य अतिथि थे।

विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री नासिर मुंजी (अध्यक्ष, एमएमटीसी पीएएमपी और अर्का फिनकैप) भी मौजूद थे। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के संस्थापक और माननीय चांसलर प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर, प्रो चांसलर श्री सैयद नदीम अख्तर, कुलपति प्रोफेसर जावेद मुसर्रत, एडिशनल प्रो चांसलर श्री अदनान अख्तर, एडिशनल प्रो चांसलर डॉ निदा फातिमा, रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद हारिस सिद्दीकी और

अन्य गणमान्य व्यक्ति समारोह का हिस्सा थे। कार्यक्रम की रूपरेखा डॉ. सबा सिद्दीक़ी ने संभाली मुख्य अतिथि श्री अरविंद कुमार शर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “मैं प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर से सहमत हूँ जब उन्होंने कहा कि हमारा देश सबसे श्रेष्ठ और महान है। हमारा भारत ‘सोने की चिड़िया’ है, जैसा कि बॉलीवुड गीत में कहा गया है, ‘जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करे बसेरा, वो भारत देश है मेरा।’ भारत कभी एक ऐसा

उपमहाद्वीप था, जो अपने जलवायु और भूगोल के कारण अनुकूल था। ब्रिटिश शासन के दौरान, भारत की अर्थव्यवस्था को भारी क्षति पहुंचाई गई। हमें न केवल विश्व के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है, बल्कि भारत के महान इतिहास और विरासत को पुनः प्राप्त करना है। मैं आज के सभी स्नातकों को बधाई देता हूँ और चाहता हूँ कि आप विश्वास करें कि आप एक महान देश के हैं। भारत शिक्षा का एक पुराना वैश्विक केंद्र रहा है| तक्षशिला, नालंदा इसके उदाहरण हैं।

मुझे खुशी है कि इंटीग्रल विश्वविद्यालय वैश्विक शिक्षार्थियों को शिक्षा प्रदान करते हुए भारतीय विरासत को बनाए रख रहा है। ‘सा विद्या या विमुक्तये’ अर्थात शिक्षा हमें सभी बंधनों से मुक्त करती है, चाहे वह जाति हो, रंग हो, लालच या इच्छा हो। ‘विद्या ददाति विनयं’ यानी शिक्षा हमें विनम्र और परोपकारी बनाती है। शिक्षा पाने से आपको योग्य नहीं बनाया जाता, बल्कि उस प्रक्रिया में आपकी विनम्रता बढ़ती है। धर्म से जीवन का सार आता है। किसी भी मापदंड पर भारत से बेहतर और देश नहीं है।

दीक्षांत समारोह में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए चांसलर प्रोफेसर सैयद वसीम अख्तर ने कहा, “आप सभी ने कड़ी मेहनत कर आज यहां तक पहुंच कर यह मुकाम हासिल किया है। याद रखें, सच्चाई और ईमानदारी से भरा रास्ता अस्थायी न होकर स्थायी लाभ देता है। यह शपथ लें कि आप जीवन में कभी भी गलत रास्ते पर नहीं चलेंगे। हालांकि, वह रास्ता अस्थायी लाभ दे सकता है,

लेकिन अंत में वही रास्ता आपको नुकसान पहुंचाएगा। अपने माता-पिता का सम्मान करें, वे आपके जीवन का सबसे बड़ा सहारा हैं। हमेशा अपने शिक्षकों का धन्यवाद करें, जिन्होंने आपको इस मुकाम तक पहुंचाया है। अगर आप जीवन में महानता प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप कड़ी धूप में मेहनत से डर कर छांव तलाश ना करें बल्कि ख़ुद पर यकीन रखें कि आप वो सब कर सकते हैं जो भी आप सोच सकते हैं

प्रो-चांसलर श्री सैयद नदीम अख्तर ने भी छात्रों को शुभकामनाएं दीं और कहा, “दीक्षांत समारोह हमारे महत्वपूर्ण मील के पत्थर और उपलब्धियों का प्रतीक होते हैं। यह डिग्रियाँ आपकी उत्कृष्टता का प्रतिनिधित्व करती हैं, लेकिन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है कि इस प्रक्रिया में आप किस प्रकार के व्यक्ति बने हैं। एक मनुष्य अंतिम पलों में ट्रॉफी नहीं मांगता, बल्कि वे रिश्तों को महत्व देता है। इसलिए अपने माता-पिता को कॉल करें, बार-बार धन्यवाद कहना सीखें, और बोलने से अधिक सुनना सीखें।

शिक्षा के परिणामस्वरूप, आपको यही सब कुछ बनना है। दुनिया को डॉक्टर और इंजीनियर से अधिक अच्छे इंसानों की आवश्यकता है। सही होने से बेहतर अच्छा होना जरूरी है। विद्यार्थियों, यह आपका विदाई नहीं बल्कि एक निमंत्रण है। आप अपने परिवार की खुशी हैं, अपने शिक्षकों का अभिमान हैं। आपके दिल में प्रेम भरा रहे।

विशिष्ट अतिथि श्री नासिर मुंजी ने कहा, “हम सभी को, एक राष्ट्र और व्यक्तियों के रूप में, खोजी रोशनी की तरह अपने आस-पास के पर्यावरण का निरीक्षण करना होगा क्योंकि यह दुनिया तेज़ी से बदल रही है। इस तेजी से बदलते विश्व में जीवित रहने के लिए विश्लेषणात्मक सोच आवश्यक है।

छात्रों के लिए यह विश्वविद्यालय एक आजीवन मित्र की तरह है और आपको इसे अपना परिवार समझना चाहिए। हम बहुत जल्दी बोल देते हैं, जबकि सुनना ज़रूरी होता है। सुनना सीखना हमारे लिए अधिक महत्वपूर्ण है।

कुलपति प्रोफेसर जावेद मुसर्रत ने विश्वविद्यालय की वार्षिक उपलब्धियां साझा करते हुए कहा, “हम शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुधार कर रहे हैं और छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य शिक्षा में नवाचार और गुणवत्ता को सर्वोच्च बनाना है।

समारोह के अंत में रजिस्ट्रार प्रोफेसर मोहम्मद हारिस सिद्दीकी ने सभी अतिथियों और उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और विश्वविद्यालय के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर अब्दुल रहमान खान ने विजेताओं के नाम की घोषणा की।

इस साल कुल 4,926 स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्रियां वितरित की गईं जिसमें 133 पीएचडी की डिग्रियां शामिल हैं। मो. माज़ (एमसीए) और सायमा सिद्दीकी (एमएससी गणित) ने विश्वविद्यालय में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। अन्य विजेताओं में फैकल्टी वाइज 13 गोल्ड मेडल, 13 सिल्वर मेडल, प्रोग्राम वाइज 108 गोल्ड मेडल व 105 सिल्वर मेडल से नवाजा

| इसके अलावा इंटीग्रल स्टार्टअप फाउंडेशन ने मोहम्मद माज़ को स्टार्ट अप अवार्ड इन टेक्नोलॉजी एंड सस्टेनेबिलिटी इनोवेशन से सम्मानित किया

यह समारोह न केवल विद्यार्थियों की शैक्षिक यात्रा का साक्षी बना, बल्कि उन्हें सामाजिक और राष्ट्रीय विकास में योगदान के लिए प्रेरित भी किया। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों को एक मजबूत आधार दिया है, जो उन्हें आगे जाकर बेहतर कल बनाने में मदद करेगा।

3 नवम्बर को जश्न-ए-इंटीग्रल के तहत स्थापना दिवस मनाया जाएगा जिसमें ऑल इंडिया मुशाअरा और कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश के बड़े शायर और कवि शामिल होंगे।

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