Bihar:राहुल गांधी ने बिहार के एक जनसभा के दौरान कहा है कि “नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं जिसका मकसद सामाजिक एकता प्रेम‑भाव और कटुता‑विरह को पीछे छोड़ना है। ([AajTak][1]) उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक‑बल देश में नफरत और विभाजन की राजनीति फैला रहे हैं और उनकी पार्टी इस प्रवृत्ति के खिलाफ ‘मोहब्बत की दुकान’ को विकल्प के तौर पर पेश कर रही है।
हालांकि इस बयान को उन्होंने बिहार के साक्षात्कार‑क्षेत्र में कहा हो, लेकिन इसे मेर भारी रूप से राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक रणनीति की दिशा में भी देखा जा रहा है। विपक्षी दलों ने राहुल के इस नारे की कड़ी आलोचना की है, यह कहते हुए कि इसे सिर्फ भाषण‑स्तर की बात माना जाना चाहिए और वास्तविक राजनीति में परिवर्तन कम दिख रहा है।



