लखनऊ: नगर निगम मुख्यालय में शनिवार को पार्षदों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। 50 से अधिक पार्षदों ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठकर नारेबाजी की। उत्तर प्रदेशीय सफाई कर्मचारी संघ के लोग भी पार्षदों के साथ अपना विरोध दर्ज किया नाराज पार्षदों ने कहा कि हम लोग जनप्रतिनिधि हैं, मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। नगर निगम जनता की चुनी हुई तीसरी सरकार है, जिसके प्रतिनिधियों को शून्य कर दिया गया। यह बेहद अफसोसनाक है कि आम जनता आज सफाई के लिए त्राहि त्राहि कर रही है।
कार्यदायी संस्था का विरोध
पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान ने कहा की यहां कोई भी पार्षद किसी दल से नहीं है। सभी लोग पार्षद एकता के झंडे के तले विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कार्यदाई संस्था LSA को जोन 1, 3, 4,6 और 7 को ठेका प्रथा के तहत साफ-सफाई का कार्य दिया जा रहा है। जिस का हम लोग विरोध कर रहे हैं। डोर टू डोर कूड़ा उठाने का काम यह कंपनी पहले से ही कर रही है, जिसमें यह पूरी तरीके से विफल है।
सदन के विपरीत काम हो रहा है
पार्षद अरुण तिवारी ने कहा कि हम लोग इस बात का विरोध कर रहे हैं कि जो सदन में जो निर्णय लिया गया था उसका पालन नहीं किया जा रहा है। सदन में जो सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हुए थे। उसपर निर्णय न करके अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं इस संबंध में नगर आयुक्त और महापौर को पत्र सौंप चुके हैं। रोड स्वीपिंग जो 80 करोड़ में हो रहा था आज वह 575 करोड़ जा रहा है। यह पैसा कहां से आएगा। इसका कोई जवाब नहीं दे रहा। इको कंपनी की तरह यह कंपनी भी भागेगी।