Tuesday, October 21, 2025
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पर्यटन उद्योग में सरकारी नीतियां और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर चर्चा

लखनऊ: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय बीबीएयू के प्रबंध अध्ययन विभाग और एमएसएमई विकास कार्यालय कानपुर एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित पांच दिवसीय प्रबंध विकास कार्यक्रम एम.डी.पी. का समापन 1 फरवरी को हुआ। पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन विषय पर केंद्रित इस कार्यक्रम का आयोजन 28 जनवरी से 1 फरवरी तक किया गया जिसमें पर्यटन क्षेत्र के विकास सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया।

बीबीएयू के प्रबंध अध्ययन विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तरुणा ने कार्यक्रम के दौरान हुई चर्चाओं के मुख्य बिंदुओं को रेखांकित करते हुए बताया कि एम.डी.पी. में पर्यटन एवं यात्रा उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम के दौरान होटल प्रबंधन संस्थान लखनऊ के डॉ. गौरव विशाल पर्यटन अध्ययन संस्थान लखनऊ विश्वविद्यालय की डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव और डॉ. सुयश यादव बीबीएयू की डॉ. प्रीति चौधरी और सलिल सेठ सहित कई विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने पर्यटन उद्योग में उत्पाद विकास विपणन संचालन वित्त मानव संसाधन प्रबंधन प्रौद्योगिकी के प्रभाव और स्वरोजगार एवं उद्यमिता की संभावनाओं पर विस्तृत जानकारी दी।एमएसएमई विकास कार्यालय कानपुर के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकारी नीतियों योजनाओं और पर्यटन एवं यात्रा उद्योग में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की।

उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि किस प्रकार वे एमएसएमई की योजनाओं का लाभ उठाकर पर्यटन क्षेत्र में नए अवसर सृजित कर सकते हैं।डॉ. तरुणा ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है और इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यटन एवं यात्रा उद्योग के लिए आवश्यक कौशल विकास को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में पर्यटन उद्योग की नवीनतम प्रवृत्तियों अवसरों और चुनौतियों से अवगत कराने के साथ-साथ विभिन्न सरकारी सहायता कार्यक्रमों की जानकारी भी दी गई।बीबीएयू के प्रबंध अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमित कुमार सिंह ने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग के लिए एमएसएमई अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह संयुक्त प्रयास पर्यटन और यात्रा प्रबंधन के क्षेत्र में न केवल नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा बल्कि इस उद्योग में रोजगार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ विकसित भारत अभियान के लक्ष्य को साकार करने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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