Tuesday, October 21, 2025
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केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना: सामाजिक सुरक्षा का विस्तार होगा

 नई दिल्ली: केंद्र सरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम लाने पर विचार कर रही है। यह स्वैच्छिक (Voluntary) और अंशदायी (Contributory) होगी। इस पेंशन योजना के लिए रोजगार कोई शर्त नहीं होगी यानी इसमें आम नागरिक भी योगदान कर सकेंगे और फिर पेंशन पा सकेंगे। इस योजना का मकसद पारंपरिक रोजगार से परे सामाजिक सुरक्षा (Social Security) का विस्तार करना है। NDTV की एक रिपोर्ट के अनुसार, श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस प्रस्तावित समग्र योजना (Umbrella Scheme) पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है, जो मौजूदा पेंशन योजनाओं (Pension Schemes) को एकीकृत करने की दिशा में बढ़ेगी।

यूनिवर्सल पेंशन स्कीम में क्या होगा?

इस योजना को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत बनाया जा रहा है। इसके अंतिम प्रारूप को तैयार करने के बाद अलग-अलग हितधारकों (Stakeholders) की राय ली जाएगी।

  • नई योजना स्वैच्छिक होगी, यानी कोई भी इसमें शामिल हो सकेगा, चाहे उसके पास कोई नौकरी हो या नहीं।
  • इससे असंगठित क्षेत्र के लोग, जैसे कि छोटे व्यापारी, स्वरोजगार करने वाले भी योजना में शामिल हो सकेंगे।
  • इसमें प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS-Traders) जैसी मौजूदा पेंशन योजनाओं को मर्ज किया जा सकता है।
  • ये योजनाएं रिटायरमेंट के बाद ₹3,000 की मासिक पेंशन प्रदान करती हैं, जिसमें ₹55 से ₹200 तक का योगदान किया जाता है, और सरकार भी इसमें बराबर का योगदान देती है।
  • अटल पेंशन योजना (APY) को भी इस नए ढांचे में शामिल करने की संभावना पर विचार किया जा रहा है।
  • सरकार Building and Other Construction Workers (BoCW) Act के तहत लिए गए उपकर (Cess) को निर्माण श्रमिकों की पेंशन वित्तीय सहायता के लिए उपयोग करने पर भी विचार कर रही है।

किन लोगों को मिलेगा फायदा?

यह योजना खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों, छोटे व्यापारियों, स्वरोजगार करने वालों और अन्य नागरिकों के लिए बनाई जा रही है। इसमें 18 साल या उससे अधिक उम्र के वे लोग शामिल हो सकेंगे, जो 60 साल के बाद पेंशन लाभ (Pension Benefits) पाना चाहते हैं। 

केंद्र सरकार राज्यों को भी इस योजना में अपनी पेंशन योजनाओं को विलय करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। इससे पेंशन अंशदान को एक जगह लाया जा सकेगा। इससे पेंशन भुगतान (Pension Payout) में वृद्धि होगी। साथ ही, एक शख्स को अधिक पेंशन का लाभ लेने से भी रोका जा सकेगा। 

भारत में वृद्ध आबादी का बढ़ता दबाव

मौजूदा अनुमानों के अनुसार, 2036 तक भारत में वरिष्ठ नागरिकों (60 साल और उससे अधिक) की संख्या 22.7 करोड़ तक पहुंच सकती है। यह कुल आबादी का 15 पीसदी होगी। वहीं, 2050 तक यह आंकड़ा 34.7 करोड़ तक पहुंच सकता है, जो कुल जनसंख्या का 20 फीसदी होगा। 

इसके उलट अमेरिका, कनाडा, यूरोप, रूस और चीन जैसे देशों में पहले से ही सामाजिक सुरक्षा प्रणाली (Social Security System) मौजूद है। इसमें पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं और बेरोजगारी भत्ता शामिल हैं। डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड्स और न्यूजीलैंड जैसे देशों में यूनिवर्सल पेंशन योजनाएं (Universal Pension Schemes) पहले से ही लागू हैं। 

भारत में मौजूदा सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था

अभी भारत की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था मुख्य रूप से भविष्य निधि (Provident Fund), वृद्धावस्था पेंशन (Old Age Pension) और गरीब वर्गों के लिए स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) तक सीमित है। 

इस प्रस्तावित यूनिवर्सल पेंशन योजना का उद्देश्य इन योजनाओं के दायरे का विस्तार करना और एक समावेशी (Inclusive) और सतत (Sustainable) पेंशन प्रणाली तैयार करना है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके।

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