समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट रामपुर ने उनके 53 मामलों के रिहाई परवाने जारी कर सीतापुर जेल भेज दिए, लेकिन फिलहाल उन्हें जेल से रिहाई नहीं मिली।
रिहाई परवाना क्या है?
रिहाई परवाना वह आधिकारिक दस्तावेज होता है जो अदालत द्वारा कैदी को जेल से रिहा करने के आदेश के लिए जारी किया जाता है। इस प्रक्रिया में अदालत का निर्णय जेल तक पहुंचाया जाता है, जेल अधीक्षक सत्यापन करता है और उसके बाद ही कैदी को रिहा किया जाता है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी
शनिवार को सीतापुर जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आजम खान से शत्रु संपत्ति से जुड़े कथित हेराफेरी मामलों में पूछताछ होगी। इस मामले में उन पर गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।
कानूनी पेचीदगियां
आजम खान पर अब तक लगभग 100 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से कई में उन्हें सजा हो चुकी है और कुछ मामलों में वे बरी भी हुए हैं। 52 मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी थी। डूंगरपुर प्रकरण में 10 साल की सजा पर हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी थी। हालांकि, मौजूदा मामलों में अदालत ने धारा 467, 468 और 201 जोड़ दी हैं, जिनके तहत गंभीर अपराधों की सजा 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है। इस कारण आजम खान को इन मामलों में अलग से जमानत करानी होगी।
सेशन कोर्ट रामपुर ने 5 अन्य मामलों में जमानतियों का सत्यापन करने और जेल प्रशासन को 53 रिहाई परवानों की विस्तृत जांच करने के निर्देश दिए हैं। ये परवाने डाक और ईमेल दोनों माध्यमों से जेल प्रशासन को भेजे गए हैं।