कैसरगंज: के पूर्व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात की। बृजभूषण दोपहर में सीएम आवास पहुंचे। दोनों के बीच करीब 1 घंटे तक बातचीत चली। इस मुलाकात के बाद बृजभूषण मुस्कुराते हुए बाहर आए। कहा कि प्रदेश के CM हैं, मुलाकात तो होनी ही चाहिए। जब यह पूछा गया कि क्या खास रहा, तो बोले उनसे मुलाकात ही खास रही। वहीं, इससे पहले अपने कई बयानों में बृजभूषण ने कहा था कि जब चाहेंगे, तब योगी से मुलाकात कर लेंगे, कोई दिक्कत नहीं है। पूर्व सांसद के प्रतिनिधि संजीव सिंह ने कहा कि सीएम योगी के बुलावे पर बृजभूषण शरण सिंह उनसे मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे। बृजभूषण पूर्वांचल में योगी के ‘विरोधी’ के तौर पर देखे जाते रहे हैं। इस बात को बृजभूषण ने भी कभी नहीं छिपाया। हाल ही में उन्होंने कहा था कि मैं उनके यहां नहीं जाता, लेकिन मेरे परिवार के लोग योगी से मिलते रहते हैं। पिछले कुछ समय से बृजभूषण शरण सिंह अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में थे। वह लगातार सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठा रहे थे। साथ ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को छोटा भाई भी बताया था।
इस मुलाकात के पीछे की वजह क्या है? ये बातें अभी साफ नहीं हो पाई हैं। लेकिन, माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच कई सालों से बंद संवाद के दरवाजे खुल सकते हैं। पूर्वांचल की राजनीति और 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर भी यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है। यूपी में गोरखपुर और देवीपाटन इलाका योगी का काफी करीबी इलाका है। गोरखपुर की तरह देवीपाटन में भी उनका एक मंदिर है। दोनों एक ही मठ से जुड़े हैं। योगी लगातार बलरामपुर जाते रहते हैं। कहा जाता है कि देवीपाटन में ठेकों और पट्टों पर बृजभूषण का कब्जा है। उससे योगी भी नाराज हैं। पीडब्ल्यूडी के करोड़ों के ठेकों को कई बार निरस्त भी किया गया है। वहां के अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया है साथ ही बृजभूषण की दबंगई और राजनीतिक पृष्ठभूमि को लेकर तालमेल सरकार के साथ नहीं बैठ रहा था। बृजभूषण शरण सिंह सार्वजनिक रूप से अधिकारियों के भ्रष्टाचार को लेकर बोलते रहते हैं। ये सब चीजें योगी से उनकी दूरियां बढ़ा रही थीं। इन्हीं मसलों को सॉल्व करने के लिए बृजभूषण सीएम योगी से मिलने पहुंचे थे।