हिंदू व बौद्ध एक ही वटवृक्ष की शाखाएं : योगी
वहीं दूसरी ओर सभी उपासना विधियों का एक मंच पर आना अभिनंदनीय है। हिंदू और बौद्ध एक ही वटवृक्ष की शाखाएं हैं। यदि ये साथ आ जाएं तो दुनिया में सबसे शक्तिशाली वटवृक्ष बनेगा जो उन्हें छांव भी देगा और सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को महाकुंभ नगर से बौद्ध महाकुंभ यात्रा की शुरुआत करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा भगवान बुद्ध ने दुनिया को करुणा और मैत्री का संदेश दिया। यदि भारत रहेगा तो भगवान बुद्ध का संदेश भी रहेगा। कुछ लोग भारत को बांटने का षड्यंत्र कर रहे हैं लेकिन इस तरह के आयोजनों से भारत विरोधी तत्वों की नींद हराम हो चुकी है। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने बौद्ध संतों और विद्वानों पर पुष्प वर्षा की। महाकुंभ नगर में पहली बार दुनिया के कई देशों के भंते लामा व बौद्ध भिक्षुओं का आगमन हुआ है।
सभी बौद्ध भिक्षु व लामा संगम स्नान करेंगे। साधु संतों से भेंटवार्ता भी होगी। त्रिवेणी तट पर आए भंते लामा व बौद्ध भिक्षुओं का मुख्यमंत्री तथा जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने अंगवस्त्रम एवं माला पहनाकर स्वागत किया। आयोजन में भारत के अलावा नेपाल भूटान श्रीलंका म्यांमार तिब्बत लाओस थाईलैंड वियतनाम आदि देशों से बौद्ध भंते शील रतन धम्मपाल बौद्ध संत भंते शीलवचन सैकड़ों की संख्या में भंते आए हैं।
बुद्ध के मार्ग से दुनिया हो सकती है युद्धमुक्त
इंद्रेश कुमार सेक्टर 17 में आयोजित बौद्ध भिक्षुओं के स्वागत सम्मान समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा भारत दुनिया को करुणा व मैत्री का संदेश देगा। बुद्ध के मार्ग से दुनिया युद्धमुक्त हो सकती है। बुद्धं शरणं गच्छामि संघं शरणं गच्छामि धम्मं शरणं गच्छामि। बौद्ध व सनातनी एक थे। एक हैं एक रहेंगे। हम सनातन के अंश थे सनातन के अंश हैं और सनातन के अंश रहेंगे।