जयपुर: महारानी कॉलेज में बनी मजार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को धरोहर बचाओ संघर्ष समिति ने महारानी कॉलेज के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ कर यूनिवर्सिटी प्रशासन की सद्बुद्धि की कामना की। मजार हटाने की मांग की। इसके साथ ही कहा- अगर जांच कमेटी का फैसला हमारे पक्ष में नहीं आया तो बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।
धरोहर बचाओ संरक्षण समिति के अध्यक्ष भारत शर्मा ने कहा- आज कॉलेज प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए हमने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया है। अगर प्रशासन की रिपोर्ट में हमारे पक्ष में फैसला नहीं आएगा तो हम आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। किसी भी सूरत में अवैध मजार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
भारत शर्मा ने कहा- महारानी कॉलेज कैंपस में शैक्षणिक और सरकारी जमीन पर नियमों के विपरीत अवैध अतिक्रमण कर तीन मजार का निर्माण कर लिया गया है। यह लैंड जिहाद है, जिसकी आड़ में महारानी कॉलेज में लव जिहाद का बीज बोने का षडयंत्र रचा जा रहा है। इसके बाद धीरे-धीरे इस सरकारी जमीन को भी वक्फ की बताकर हड़पा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जिस कॉलेज में पुरुषों की एंट्री ही नहीं हो सकती है। वहां अचानक तीन मजार का निर्माण कैसे हो गया है। यह पूरा मामला महारानी कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है। जो हमारे भविष्य और बेटियों की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है। क्योंकि जो कैंपस युवाओं के भविष्य को बेहतर करने के लिए सरकार ने दिया है। वह इन हालातों में एक समुदाय विशेष का धार्मिक अड्डा बनकर रह जाएगा।
जहां धीरे – धीरे धार्मिक आयोजन होने लगेंगे, भीड़ आएगी। जयपुर का महारानी कॉलेज राजस्थान यूनिवर्सिटी का संगठन कॉलेज है। यहां 6000 से ज्यादा सीटों पर हर साल गर्ल्स का एडमिशन होता है। इसके साथ ही कॉलेज कैंपस में चार गर्ल्स हॉस्टल भी हैं। जहां लगभग 500 गर्ल्स रहती है। बीते दिनों हुए इस विवाद के बाद कांग्रेसी विधायक अमीन कागजी ने मजार को काफी पुराना बताया था। वहीं बीजेपी विधायक गोपाल शर्मा और बालमुकुंद आचार्य ने मजार को शैक्षणिक जमीन से हटाने की पैरवी की थी। इसके बाद जिला कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था