Tuesday, October 21, 2025
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लोकसभा में गरजे विदेश मंत्री एस जयशंकर

Parliament Monsoon Session: लोकसभा में आज दोपहर 12 बजे पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी थी। हालांकि, ये चर्चा अपने समय पर नहीं शुरू हो सकी। सुबह 11 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले पर लोकसभा में कुल 16 घंटे की चर्चा की जानी है। इस चर्चा में पीएम मोदी भी शामिल होंगे। चर्चा की शुरुआत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। यहां जानिए पल-पल की अपडेट

विपक्ष पर बरसे अमित शाह

सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मुझे इस बात पर आपत्ति है कि उन्हें (विपक्ष को) एक भारतीय विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं है, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है। मैं उनकी पार्टी में विदेशी का महत्व समझ सकता हूं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी पार्टी की सभी बातें यहां सदन में थोप दी जाएं। यही कारण है कि वे वहां (विपक्षी बेंचों पर) बैठे हैं और अगले 20 वर्षों तक वहीं बैठे रहेंगे।”

हमनें पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब किया- जयशंकर

सदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की मीटिंग से लेकर पाकिस्तानी दूतावास के सदस्यों को पर्सन ऑफ नॉन ग्रेटा घोषित किए जाने तक, सरकार के कदम गिनाए। उन्होंने कहा कि दूतावासों को ब्रीफिंग देने के साथ ही मीडिया में भी यह जानकारी दी गई कि भारत को अपने नागरिकों की रक्षा का अधिकार है उन्होंने कहा, “पाकिस्तान सुरक्षा काउंसिल का सदस्य है, हम नहीं हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान के बारे में बताया। हमारी रेड लाइन पार कर गई, तब हमें सख्त कदम उठाने पड़े। हमने दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा बेनकाब किया। सिक्योरिटी काउंसिल में पाकिस्तान समेत केवल तीन देशों ने ऑपरेशन सिंदूर का विरोध किया। यूएन के 193 में से तीन सदस्यों ने ही इस ऑपरेशन का विरोध किया।”

भाजपा सांसद का विपक्ष पर पलटवार

सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए, भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने कहा, “अगर हम उस नई सामान्य स्थिति को देखें जिसकी मैं बात कर रहा हूं, तो यह समझना ज़रूरी है कि अतीत क्या था। अतीत में, नियमित रूप से, लगभग रोज़ाना, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी भारत पर हमले करते थे और भारतीयों की हत्या करते थे उन्होंने कहा, “2005 के दिल्ली सीरियल बम धमाकों के लिए पाकिस्तान को एक डोजियर भेजा गया था। 2006 के वाराणसी बम धमाकों के लिए, भारत ने भारत-पाक वार्ता में इस मुद्दे को उठाया था। 2008 के मुंबई हमलों में, जब इतने सारे लोग मारे गए थे, तब तत्कालीन सरकार ने जवाबी कार्रवाई न करने का फैसला किया था। जवाबी कार्रवाई की योजना हमारे सशस्त्र बलों ने बनाई थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने जवाबी कार्रवाई की अनुमति नहीं दी।

भाजपा सांसद ने कहा, “यह रिकॉर्ड में दर्ज है कि सरकार के तत्कालीन वरिष्ठतम अधिकारियों, चाहे वह विदेश सचिव हों, या तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, ने पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई न करने का फैसला किया था। मुंबई हमलों के सात महीने बाद, तत्कालीन प्रधानमंत्री ने रूस में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान पाकिस्तानी राष्ट्रपति से मुलाकात की और फैसला किया कि भारत और पाकिस्तान बातचीत जारी रखेंगे। हमारी तत्कालीन सरकारें दशकों तक तुष्टिकरण करती रहीं। उन पर आतंकवाद के लिए धन मुहैया कराने को रोकने के लिए कोई दबाव नहीं डाला जा रहा है।

आतंकवादियों को मिला करारा जवाब- केंद्रीय मंत्री

सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा, “24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस था, जब पीएम मोदी मधुबनी में पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करने गए थे। वहां, पीएम मोदी ने पहली बार पहलगाम की घटना पर बात की और उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उनकी कल्पना से परे जवाब मिलेगा। पीएम मोदी ने अपना भाषण अंग्रेजी में दिया क्योंकि वह चाहते थे कि दुनिया को पता चले कि हम आतंकवादियों के सामने झुकने वाले नहीं हैं और हम जवाबी कार्रवाई करेंगे।”

56 से 36 इंच हो जाती है आपकी छाती- कल्याण बनर्जी

सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, “पीएम मोदी, आप एक बार अपने एक्स हैंडल पर यह क्यों नहीं पोस्ट कर सकते थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने जो कुछ भी कहा वह गलत है। जैसे ही आप अमेरिकी राष्ट्रपति के सामने खड़े होते हैं, आपकी ऊंचाई 5 फीट कम हो जाती है और आपकी छाती 56 इंच से घटकर 36 इंच हो जाती है। आप अमेरिकी राष्ट्रपति से इतना डरते क्यों हैं?”

कैसे भारत में दाखिल हो गए आतंकी, विपक्ष ने संसद में पूछा सवाल

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस में बोलते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “राजनाथ सिंह जी ने बहुत सारी जानकारी दी, लेकिन रक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने कभी उल्लेख नहीं किया कि कैसे पाकिस्तान से आतंकवादी पहलगाम पहुंचे और 26 लोगों को मार डाला… राष्ट्र के हित में सवाल पूछना हमारा कर्तव्य है।

राजनाथ सिंह ने विपक्ष को दिया करारा जवाब

ऑपरेशन सिंदूर क्यों शुरू किया गया, इसकी जानकारी पहले भी दी गई है और आज भी मैंने सदन को दी है। अध्यक्ष महोदय, विपक्ष के कुछ लोग पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे? मुझे लगता है उनका यह प्रश्न, हमारी राष्ट्रीय जनभावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं कर पा रहा है। उन्होंने एक बार भी हमसे यह नही पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए? यदि उन्हें प्रश्न पूछना ही है,तो उनका प्रश्न यह होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया, तो उसका उत्तर है, हां।

क्या था ऑपरेशन सिंदूर का मकसद?

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पार करना या वहां की Territory capture करना इस Operation का उद्देश्य नहीं था। Operation Sindoor शुरू करने का मकसद था, उन terror nurseries को खत्म करना, जिन्हें पाकिस्तान ने बरसों से पाला पोसा हुआ था

100 से अधिक आतंकी मारे गए: राजनाथ सिंह

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “पहलगाम हमले के तुरंत बाद, हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की और नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक निशाना साधा, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक और संचालक मारे गए।”

लोकसभा में शुरू हुई ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा

 दो बार लोकसभा की कार्यवाही के स्थगित होने के बाद लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू हो गई है। राजनाथ सिंह इस समय लोकसभा में बोल रहे हैं।

नाटक से नहीं चलता लोकतंत्र’

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने संसद में चल रहे हंगामे पर कहा कि सरकार सदन में सभी चर्चाओं के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष अनावश्यक नाटक करके चर्चा में बाधा डाल रहा है। लोकतंत्र विचार-विमर्श से चलता है, नाटक से नहीं।

दोपहर 2 बजे तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित

 लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा।

बरसे केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

 ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू होने से पहले ही लोकसभा स्थगित होने पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस और विपक्ष अब ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? हम सब चर्चा के लिए तैयार थे। चर्चा शुरू होने से 10 मिनट पहले, विपक्ष ने अपना एजेंडा पेश किया कि सरकार एक निश्चित समय सीमा तय करे कि इसके बाद SIR के मुद्दे पर चर्चा होगी। चर्चा शुरू होने से ठीक 10 मिनट पहले ऐसी शर्त लाना ठीक नहीं है।

 

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