बाराबंकी: महात्मा गांधी का वैचारिक दर्शन कमजोर को प्रताड़ित करने के लिए बिल्कुल नहीं है। सिद्धांत एवं सांस्कृतिक मूल्य ही उनके विचार है। जिसमें भारतीय संस्कृति की वह धारा सम्मिलित है जिससे पूरे जगत के मानव का कल्याण छिपा संभव है। यह बात गांधी स्मृति दिवस के समापन पर गांधी भवन में आयोजित गांधी स्मृति व्याख्यान के मुख्य अतिथि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कही। श्री खान ने कहा कि महात्मा गांधी बंटवारे के खिलाफ थे। वह नहीं चाहते थे कि भारत का विभाजन होकर एक अलग देश बने।
मार्टिन लूथर ंिकंग और नेंल्सन मंडेला भी महात्मा गांधी को अपना आदर्श मानते थे। जो वास्तव में समय-समय पर हमारे समाज के बीच में आकर मानवता एवं अहिंसा के विचार को आगे बढ़ाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के मुल्कों में युद्ध चल रहा है। एक देश दूसरे देश को धमकी देता है। ऐसे समय महात्मा गांधी के विचार प्रसांगिक हो जाते है। उन्होंने कहा कि हमारा इबादत का तरीका अलग-अलग है
लेकिन खुदा एक है। भारत दुनिया की अकेली संस्कृति है जिसने सबको नकार दिया है। इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी की प्रतिमा और के.डी सिंह बाबू के चित्र परा मार्ल्यापण किया। तदोपरान्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पूर्व मंत्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने अखिल भारतीय शिक्ष संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील कुमार पाण्डेय
पीजीआई के सीनियर इंडोक्राइन सर्जन डॉ ज्ञान चन्द वरिष्ठ पत्रकार धीरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव वरिष्ठ गांधीवादी अमीर हैदर नगर पंचायत फतेहपुर के चेयरमैन मो. इरशाद अहमद नगर पंचायत देवा के अध्यक्ष हारून वारसी शिक्षाविद अशोक शुक्ला सेवा सोसाइटी के अध्यक्ष मो उमैर किदवई महात्मा गांधी क्लब के अध्यक्ष सलाउद्दीन किदवई और समाजसेवी भवानी दत्त भट्ट को मानव सेवा सम्मान से विभूषित किया।
सभा को आचार्य नरेन्द्र देव समाजवादी संस्थान के संयुक्त सचिव नवीन चन्द तिवारी विजय लक्ष्मी आई हॉस्पिटल के निदेशक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता विवेक सिंह वर्मा पूर्व विधायक सरवर अली खान देवा शरीफ वेलफेयर ट्रस्ट के अध्यक्ष वासिक रफीक वारसी ने सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता अरविन्द कुमार सिंह गोप ने की। इस मौके पर उ.प्र सहकारिता के पूर्व अध्यक्ष धीरेन्द्र वर्मा समाजसेवी रंजन शर्मा विनय कुमार सिंह मृत्युंजय शर्मा धनंजय शर्मा सत्यवान वर्मा समेत आदि मौजूद रहे।