नई दिल्ली: राजधानी में हर साल मई-जून में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए इस वर्ष पहली बार हीट एक्शन प्लान लागू किया जाएगा। दिल्ली सरकार तमतमाते सूरज एवं लू से दिल्लीवासियों को राहत दिलाने के लिए इस हीट एक्शन प्लान के आधार पर विभिन्न स्तरों पर व्यवस्था करेगी।
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली सरकार ने हीट एक्शन प्लान (एचएपी-2025) तैयार कर लिया है। इस प्लान को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने मिलकर तैयार किया है। प्लान सोमवार सुबह 10 बजे सचिवालय में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जारी करेंगी। प्लान जारी होने के साथ ही इस पर क्रियान्वयन की दिशा में काम शुरू हो जाएगा। मंडल आयुक्त प्रदेश स्तर, डीएम जिला स्तर और उपायुक्त एमसीडी स्तर पर इसके नोडल अधिकारी होंगे।
स्कूलों के समय में किया जाएगा बदलाव
विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि इस हीट एक्शन प्लान के मुताबिक भीषण गर्मी के दौरान दिल्ली में स्कूलों के समय में बदलाव किया जाएगा। दोपहर के समय कोई स्कूल नहीं चलेगा। पानी के गैर-जरूरी इस्तेमाल पर रोक लगाई जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान की जाएगी। घर को अंदर से ठंडा रखने में मदद के लिए पहचाने गए क्षेत्रों में डीडीएमए ने छतों को सफेद रंग से पेंट करने के लिए एक पायलट परियोजना की भी योजना बनाई है।
लू के प्रति सबसे संवेदनशील शहरों में से एक दिल्ली
दिल्ली भारत के सबसे गर्म शहरों में से एक है और अपनी बड़ी आबादी और निम्न-आय वर्ग के लोगों की अधिकता के कारण लू के प्रति सबसे संवेदनशील शहरों में से एक है। दिल्ली एचएपी स्थानीय आबादी को विभिन्न रंग आधारित कोड वाले अलर्ट जारी करने के लिए अगले सात दिनों के पूर्वानुमान को लेकर मौसम विभाग पर निर्भर है।
जब अधिकतम तापमान सामान्य तापमान से कम से कम छह डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाएगा तो ‘रेड अलर्ट’ शुरू हो जाएगा। यदि अधिकतम तापमान सामान्य से चार से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक है तो ‘आरेंज अलर्ट’ जारी किया जाएगा, जबकि 0 से 3.9 डिग्री सेल्सियस अधिक होने पर ‘यलो अलर्ट’ दिया जाएगा।
प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित की जाएगी
हीट एक्शन प्लान के मुताबिक आम जनता, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और स्वैच्छिक समूहों को अलर्ट जारी करने के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली और एक संचार योजना विकसित की जाएगी। सार्वजनिक भवनों, मंदिरों, माल व अस्थायी रात्रि आश्रयों सहित “कूलिंग सेंटर” को बाहरी श्रमिकों, झुग्गी समुदायों और अन्य आर्थिक रूप से कमजोर आबादी को छायादार क्षेत्रों तक पहुंच प्रदान करने के लिए सक्रिय किया जाएगा।
गैर-आवश्यक जल उपयोग पर प्रतिबंध लगेगा
पेयजल किल्लत को देखते हुए गैर-आवश्यक जल उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। गरीब और उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में पानी के पाउच उपलब्ध कराए जाएंगे। शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि जब लू की घोषणा की जाए तो “स्कूल दोपहर 12 से अपराह्न तीन बजे के दौरान काम नहीं चलेंगे।”
गर्मियों में रैलियों जैसे कार्यक्रमों के दौरान ओआरएस दी जाएगी
हीट एक्शन प्लान में निर्माण स्थलों, बस स्टाप और अन्य सार्वजनिक स्थानों विशेष रूप से गर्मियों में रैलियों जैसे कार्यक्रमों के दौरान ओआरएस प्रदान करने की सिफारिश की गई है। इसमें कहा गया है कि रेड और आरेंज अलर्ट में अनुरोध पर झुग्गी- झोपड़ियों में पानी के टैंकर उपलब्ध कराए जाएंगे। रैन बसेरे पूरे दिन खुले रहेंगे और आम जनता के साथ तापमान का पूर्वानुमान साझा करने के लिए प्रमुख स्थानों पर बड़े एलईडी डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएंगे।
उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में ठंडक देने वाले विश्राम स्थल स्थापित किए जाएंगे और गर्मी वाले हाटस्पाट पर पौधे लगाए जाएंगे। नोडल अधिकारी हीट एक्शन प्लान की पहुंच और प्रभाव का मूल्यांकन करेंगे और जरूरत के अनुसार इसमें बदलाव भी करेंगे।