Monday, October 20, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर में कैसे हुआ आतंकियों का सफाया? सेना के कमांडर ने बताई अंदर की बात

नई दिल्ली: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने का अंदाजा है। उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर की तैयारी और चुनौतियों पर खुलकर बात की।

कैसे हुई आतंकी ठिकानों की पहचान?

एनडीटीवी के डिफेंस समिट में बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने बताया कि सबसे मुश्किल काम आतंकियों के ठिकानों की जानकारी जुटाना था। पहलगाम हमले के बाद सेना को साफ राजनीतिक आदेश मिला था कि जिम्मेदार आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाना है पाकिस्तान और पीओके में 9 ठिकानों की पहचान की गई।

इनमें से 7 ठिकानों की जिम्मेदारी उत्तरी कमान को मिली, जबकि 2 ठिकाने (मुरीदके और बहावलपुर) वायुसेना को सौंपे गए उन्होंने कहा कि वायुसेना के ठिकाने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास थे, जिनकी पहचान आसान थी। लेकिन उत्तरी कमान वाले कैंप पहाड़ों और जंगलों में छिपे हुए थे, जहां तक न तकनीकी इंटेलिजेंस आसानी से पहुंच पा रही थी और न ही मानव स्रोत।

पाकिस्तान ने सीजफायर का किया उल्लंघन

7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ और मिसाइलें आतंकी कैंपों में गिराई गईं। इसके बाद आधे घंटे के भीतर ही पाकिस्तान ने संघर्षविराम उल्लंघन कर गोलीबारी शुरू कर दी। लेकिन भारतीय सेना पहले ही अलर्ट थी और हर मोर्चे पर जवाब देने को तैयार खड़ी थी जनरल शर्मा ने कहा कि इस कार्रवाई ने साफ संदेश दिया कि भारत आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। पहले उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक फिर पुलवामा के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सैन्य क्षमता और संकल्प दोनों साबित कर दिए।

पहलगाम में 26 लोगों की हुई थी मौत

बता दें, पहलगाम आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद देश गुस्से में था। हालांकि, मिसाइल हमले से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा लेकिन सेना ने घाटी में छिपे तीन आतंकियों की तलाश जारी रखी लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने बताया कि इन आतंकियों को ढूंढने में 97 दिन लगे। वे पहाड़ियों, जंगलों और गुफाओं में छिपते रहे। आखिरकार जुलाई के अंत में ऑपरेशन महादेव में तीनों आतंकी मारे गए।

अब कैसे काम करते हैं आतंकी?

उन्होंन कहा कि अब आतंकी पुराने तरीकों से काम नहीं करते। वे घरों और बस्तियों में नहीं, बल्कि पहाड़ों और जंगलों से ऑपरेट करते हैं। इस वजह से किसी भी ऑपरेशन को सफल बनाने में महीनों लग सकते हैं।

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