इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ सोशल मीडिया पर चल रहे अपमानजनक वीडियो को तत्काल हटाने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की खंडपीठ ने आदेश जारी किया।
कोर्ट ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल और यूट्यूब के शिकायत निवारण अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। साथ ही दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाले स्टेट कमिश्नर को यूट्यूबर शशांक शेखर के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।
दिव्यांगता को लेकर अपमानजनक टिप्पणी
याचिकाकर्ता ने बताया कि यूट्यूबर शशांक शेखर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर स्वामी रामभद्राचार्य के खिलाफ अपमानजनक वीडियो चला रहे हैं। स्वामी रामभद्राचार्य चित्रकूट के जगतगुरू स्वामी रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। उनकी आंखों की रोशनी बचपन में ही चली गई थी। वीडियो में उनकी इसी दिव्यांगता को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां की गई हैं।
सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए नियम बनाने की मांग
याचिका में केंद्र और राज्य सरकार से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नियंत्रण के लिए कड़े नियम बनाने की मांग की गई है। मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।