उत्तर प्रदेश: इस वक्त बारिश ने विकराल रूप ले लिया है। राज्य के 22 से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में हैं लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। गंगा घाघरा शारदा और राप्ती जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं जिससे आसपास के गांवों और शहरों में पानी भर गया है सीतापुर बहराइच गोंडा बलिया देवरिया कुशीनगर गोरखपुर बाराबंकी लखीमपुर खीरी जैसे जिले सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। खेत डूब चुके हैं सड़कों पर पानी बह रहा है और हजारों लोग अपने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। कई जगहों पर पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे आवागमन भी बाधित है।
सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए NDRF SDRF और आपदा राहत बल की टीमें तैनात की हैं नावों और हेलीकॉप्टरों की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है प्रभावित इलाकों में भोजन दवा और पानी की आपूर्ति की जा रही है लेकिन कई क्षेत्रों में अब भी मदद नहीं पहुंच पाई है इस सबके बीच रक्षाबंधन का त्योहार भी आ गया है लेकिन खराब मौसम ने त्योहारी उत्साह को प्रभावित किया है। कई बहनों को अपने भाइयों से मिलने के लिए लंबी यात्रा करनी थी जो अब जलभराव और बाढ़ की वजह से संभव नहीं हो पा रही है।
मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है* कि अगले 48 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश जारी रह सकती है। खासतौर पर पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में स्थिति और बिगड़ सकती है। पश्चिमी जिलों में कुछ राहत की उम्मीद है लेकिन पूरी तरह साफ मौसम फिलहाल नजर नहीं आ रहा प्रशासन ने लोगों को सलाह दी है कि वे घर से बाहर निकलने से बचें खासकर बच्चों और बुजुर्गों को। कई जिलों में स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं और हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिए गए हैं बाढ़ से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार ने *आपात कोष* जारी किया है और केंद्र से भी सहायता की मांग की गई है। लेकिन हालात पर काबू पाने में अभी समय लग सकता है। बारिश का ये कहर कब थमेगा, फिलहाल इसका कोई साफ जवाब नहीं है।