लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ऊर्जा एवं विकास मंत्री ए के शर्मा भ्रष्टाचारियों व अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं
जिसके चलते अन्य प्रदेशों में यूपी में हो रही कार्रवाइयों को देखते हुए दूसरे प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचारी और अपराधियों के खिलाफ सीएम योगी आदित्यनाथ की बने नीतियों को अपने यहां लागू कर रहे हैं।
परंतु सख्त कार्रवाइयों के बाद भी बेलगाम अफसर उत्तर प्रदेश सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हुए। राजधानी लखनऊ के नूर बाड़ी विद्युत उपकेंद्र का एक और कारनामा सामने आया। उत्तर प्रदेश पावर कॉपरेशन के मानको को ताख पर रख कर कमर्शियल कनेक्शन दिए गए ।
सूत्रों की माने तो नूरबाड़ी विद्युत उपकेंद्र के अधिकारियों का मनोबल तो इतना बड़ा है की कई जगह मीटर न होने के बाद खंभे से डायरेक्ट कनेक्शन देकर महीना सेवा शुल्क लिया जा रहा है।
इस तरह के कार्यों में अब किस अधिकारी और कर्मचारी की कितनी संलिप्त यह जांच का विषय है ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ए के शर्मा जी अगर जांच कर ले तो उसके बाद ही भागीदारी का पता चलेगा।
नूर बाड़ी विद्युत उपकेंद्र के चंद कदमो की दूरी पर सरकारी मानकों को ताख पर रख कर अपार्टमेंट और व्यावसायिक बिल्डिंगों मे दिया गया विद्युत कनेक्शन मिली जानकारी के अनुसार प्राप्त फोटो मे दिख रही बिल्डिंग नूर बाड़ी विद्युत उपकेंद्र से मात्र कुछ कदमो की दूरी पर मौजूद है जिसमे हाल ही मे दिए गए है 2 कमर्शियल कनेक्शन… सूत्र
बिना लोड जंक्शन के व्यवसायिक बिल्डिंगों और अपार्टमेंट को दिया जा रहा कनेक्शन से प्रति उपभोक्ता से लिया जाता है विशेष सेवा शुल्क।प्राप्त फोटो मे साफ देखा जा सकता है की बिल्डिंग मे ट्रांसफार्मर मौजूद नहीं है फिर भी उसमे विद्युत कनेक्शन दिया गया है क्यों और कैसे ये जाँच का विषय है….?
उत्तर प्रदेश पावर कॉपरेशन लिमिटेड ने व्यायसायिक बिल्डिंगो वा अपार्टमेंट मे विद्युत सप्लाई देने के लिए नियम बना रखे है और मानको को निर्धारित किया है, मानक के अनुरूप अपार्टमेंट हो या व्यावसायिक बिल्डिंग को अपने परिसर मे विद्युत आपूर्ती के लिए लोड सेंशन करना अनिवार्य है
आश्चर्य की बात तो यह है की क्या नूर बाड़ी विद्युत उपकेंद्र के अधिकारीयों को UPPCL के बनाये इन नियमो का पता नहीं या फिर मानको के विपरीत विद्युत सप्लाई देने के पीछे है और कुछ वजह…?
राजधानी लखनऊ के ऐसे कई उपकेंद्र है जहाँ अगर UPPCL के ज़िम्मेदार अधिकारी जाँच करे तो कई और बड़े खुलासे होंगे ।