यूपी। लखनऊ की मशहूर अंजुमन-ए-शब्बीरिया के साहिब-ए-बयाज़ अकबर बेग (मुराद अली) के इंतिक़ाल की ख़बर से पूरे क्षेत्र में ग़म और मातम की फिज़ा छा गई। ज़िन्दगी की भागदौड़ में मशगूल हर इंसान के दिल में सलामी-ए-शहादा का जज़्बा हमेशा ज़िंदा रहता है। इंसान दुनिया से चला जाता है मगर उसका असर उसकी यादें और उसकी खिदमात हमेशा बाक़ी रहती हैं। अकबर बेग भी ऐसी ही एक अज़ीज़ और यादगार शख़्सियत थे जो आज हमें छोड़कर इस फ़ानी दुनिया से रुख़्सत हो गए। उनके इंतिक़ाल की ख़बर से हर आंख नम और दिल ग़मगीन हो उठा। अकबर बेग अंजुमन-ए-शब्बीरिया के साहिब-ए-बयाज़ थे। उनके चार बेटे और एक बेटी हैं। देर रात तबीयत बिगड़ने पर उन्हें लॉरी कार्डियोलॉजी में भर्ती कराया गया जहाँ उनका निधन हो गया।
उनकी मौत की ख़बर मिलते ही बड़ी तादाद में लोग शीशमहल स्थित उनके आवास पर जमा हो गए। उनकी मैय्यत करबला तालकटोरा ले जाई गई जहाँ ग़ुस्ल और नमाज़-ए-जनाज़ा के बाद उन्हें सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। जनाज़े में शहर की कई मातमी अंजुमनों के ओहदेदारों समेत उनके अज़ीज़-ओ-अहबाब और चाहने वाले मौजूद रहे। मौलाना हसनैन बाक़री,मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी,भाजपा नेता बुक्कल नवाब और अमील शम्सी ने भी जनाज़े में शिरकत कर उन्हें आख़िरी ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश किया।