लखनऊ : श्रीधाम अयोध्या से पधारे पूज्यपाद स्वामी श्री प्रद्युम्न प्रियाचार्य प्रभाकर जी महाराज ने कहा कि रामकथा मात्र कथा नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है। यह हमें धर्म, कर्तव्य, प्रेम और मर्यादा का मार्ग दिखाती है। वह सेक्टर-एम आशियाना लखनऊ में आज से आरम्भ हुए प्रगति महोत्सव की प्रथम दिवस की श्रीराम कथा में बोल रहे थे।
पूज्यपाद स्वामी श्री प्रद्युम्न प्रियाचार्य प्रभाकर जी महाराज ने अपने मुखारविंद से कथा की शुरुआत श्रीरामचरितमानस के मंगलाचरण श्लोकों के वाचन से हुई। स्वामी जी ने बताया कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने प्रारंभिक मंगलाचरण में ही संपूर्ण सात कांडों की अनुक्रमणिका प्रस्तुत कर दी है।
इसके पूर्व श्रीराम कथा के मुख्य यजमान विनोद कुमार सिंह और नरेंद्र बहादुर सिंह ने भगवान श्री राम की पूजा-अर्चना की और निर्विघ्न कथा होने के लिए गणेश जी का आह्वान किया। इस अवसर पर शारदा नगर के पार्षद हिमांशु, विद्यावती वार्ड प्रथम के पार्षद विमल तिवारी, विद्यावती वार्ड द्वितीय के पार्षद कौशलेन्द्र द्विवेदी, विद्यावती वार्ड तृतीय के पार्षद कमलेश सिंह, भोजपुरी कवि कृष्णानंद राय, पवन पाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कथा से पहले हरे रामा हरे कृष्णा भजन और भगवान श्री राम कीर्तन हुआ। कथा में श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी और सभी ने श्रद्धा व भक्ति के साथ कथा का श्रवण किया। कथा 2 अक्टूबर तक प्रतिदिन सायं 6:00 बजे से 9:30 बजे तक और प्रगति महोत्सव 26 अक्तूबर चलेगा।