अमेरिका अब H-1B वीजा के लिए हर साल एक लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) एप्लिकेशन फीस वसूलेगा। इस फैसले के बाद अमेरिकी टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, मेटा, फाइनेंशियल कंपनी जेपी मॉर्गन और ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपने विदेशी कर्मचारियों को तुरंत अमेरिका लौटने की सलाह दी है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 19 सितंबर को व्हाइट हाउस में इस ऑर्डर पर साइन किए, जिसमें H-1B वीजा पर 1 लाख डॉलर (करीब 88 लाख रुपए) का सालाना सरचार्ज लगाया गया है। ये नए चार्ज 21 सिंतबर से लागू होंगे।
रॉयटर्स के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट ने शनिवार को अपने कर्मचारियों को एक इंटरनल ईमेल भेजा, जिसमें H-1B और H-4 वीजा धारकों को तुरंत अमेरिका लौटने को कहा है। मेटा ने भी कर्मचारियों को ऐसा ही अलर्ट जारी किया है।
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा, ‘H-1B वीजा धारक अगले कुछ समय तक अमेरिका में ही रहें। H-4 वीजा धारकों को भी यही सलाह है। हमारी सिफारिश है कि दोनों तरह के वीजा धारक 21 सितंबर की डेडलाइन से पहले यानी रविवार तक अमेरिका पहुंच जाएं।’
जेपी मॉर्गन और अमेजन ने भी अलर्ट भेजा
जेपी मॉर्गन ने भी अपने ग्लोबल कर्मचारियों को ऐसा ही अलर्ट जारी किया। कंपनी ने अपने H-1B और H-4 वीजा धारक कर्मचारियों को सतर्क रहने और अमेरिका में रहने की सलाह दी है।
उधर, अमेजन ने भी अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे 21 सितंबर की रात 12 बजे ईस्टर्न डेलाइट टाइम यानी EDT (भारतीय समयानुसार सुबह 9:31 बजे) से पहले अमेरिका लौट आएं। अमेजन ने भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारियों को सलाह दी है कि वे फिलहाल इंटरनेशनल ट्रैवल से बचें।
फीस बढ़ने के बाद कई भारतीय प्लेन से उतरे
इस खबर के बाद देश लौट रहे भारतीय यात्रियों में हड़कंप मच गया। सैन फ्रांसिस्को से भारत आ रही फ्लाइट में कई भारतीय यात्रियों ने बैठने के बाद ही विमान से उतरने की मांग कर दी। इसके अलावा दुबई से अमेरिका जा रही फ्लाइट में बैठे कई यात्री भी एयरपोर्ट पर ही उतर गए। उन्हें डर था कि वे समय पर अमेरिका नहीं पहुंच पाएंगे और नए नियम लागू होने के बाद दोबारा एंट्री मुश्किल होगी।
वहीं, छुट्टियों या त्योहारों के लिए भारत आए कई भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स अब फंस गए हैं। ट्रम्प के ऐलान के तुरंत बाद भारत-अमेरिका फ्लाइट का किराया दोगुना हो गया। दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए एकतरफा टिकट जो 37 हजार रुपए में मिल रहा था, वह 70-80 हजार रुपए तक पहुंच गया।