पढ़ाई करते-करते राणा और हेडली में हुई दोस्ती
हाफिज सईद का था दिल-ओ-जान
हेडली के मन में भारत के खिलाफ जहर भरा था, जिसका फायदा आतंकी संगठन लश्कर-ए तैबा ने उठाया। संगठन का सरगना प्रमुख हाफिज सईद के साथ हेडली की अच्छी बनती थी। संगठन में हेडली को ट्रेनिंग दी गई। वह हाफिज सईद के साथ कई बार खाने पर जाया करता था बात 2002 की है जब हाफिज सईद और जकी उर रहमान लखवी भारत में एक बड़े हमले की योजना बना रहे थे। उन्होंने इसके लिए हेडली को अपना हथियार बनाया था।
राणा की मदद से पहुंचा मुंबई
इसके बाद हेडली भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने में जुट गया। भारत में पहुंच बनाने के लिए हेडली ने तहव्वुर राणा की मदद ली। दरअसल, तहव्वुर राणा कनाडा में फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज नाम का एक इमिग्रेशन और ट्रैवल एजेंसी चल रहा था।
राणा की मदद से हेडली ने मुंबई में इस इमिग्रेशन फर्म की एक ब्रांच खोली। राणा ने हेडली को वीजा दिलवाने में भी मदद की थी। इसके बाद हेडली लगातार मुंबई आने लगा। 14 सितंबर 2006 को हेडली ने भारत की अपनी पहली रेकी यात्रा की साल 2016 में हेडली ने विशेष अदालत के समक्ष गवाही देते हुए कहा था कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई हमले की योजना बनाई थी डेविड हेडली ने कहा था कि वह हमलों से पहले आठ बार और उसके बाद एक बार भारत आया था। उसने दो साल तक साइटों पर शोध किया, यहां तक कि शहर के बंदरगाह के चारों ओर नाव से सैर की और अपने कवर के हिस्से के रूप में बॉलीवुड सितारों से दोस्ती की।
कैसी थी हेडली की पर्सनैलिटी?
एड्रियन लेवी और कैथी स्कॉट क्लार्क मुंबई हमलों पर अपनी किताब द सीज द अटैक ऑन द ताज’ में लिखते हैं, “हेडली 6 फीट 2 इंच लंबा था। उसके लंबे सुनहरे बाल पोनी टेल में बंधे रहते थे। अरमानी जींस और कमीज में नजर आने वाले हेडली के कंधों से एक चमड़े की जैकेट लटकती रहती थी।
भारत क्यों नहीं आ सकता हेडली?
साल 2009 में हेडली को डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद हेडली ने अमेरिकी जांच एजेंसियों के साथ एक डील की थी। उसने अमेरिका को लश्कर-ए-तैयबा और ISI के बारे में जानकारी देने के बदले में भारत को प्रत्यर्पित न करने की शर्त रखी थी। इस समझौते को अमेरिका ने स्वीकार कर लिया था। वह अमेरिका की जेल में सजा काट रहा है।