इजरायल: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती नज़र आ रही हैं। हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि गाजा युद्ध के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन और युद्ध अपराधों के आरोपों की जांच अब अंतिम चरण में पहुंच रही है। यदि पर्याप्त साक्ष्य मिले, तो नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है।
ICC के मुख्य अभियोजक करीम खान ने कहा है कि गाजा में इजरायली कार्रवाई के दौरान नागरिकों की मौत, अस्पतालों पर हमले और मानवीय राहत में बाधा डालने के मामलों को गंभीरता से लिया गया है। इसके साथ ही हमास की तरफ से भी युद्ध अपराधों की जांच हो रही है, लेकिन नेतन्याहू की भूमिका विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़रों में है।
अमेरिका और इजरायल के करीबी रिश्ते किसी से छिपे नहीं हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय संगठनों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया था, खासकर जब ICC ने अमेरिकी सैनिकों के खिलाफ अफगानिस्तान में जांच की बात की थी। लेकिन इस बार मामला ज्यादा संवेदनशील और राजनीतिक रूप से पेचीदा है। अमेरिका ने इजरायल का साथ देने का संकेत दिया है, लेकिन ICC स्वतंत्र संस्था है और उस पर दबाव डालना आसान नहीं है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रंप की वापसी भी नेतन्याहू को पूरी तरह बचा नहीं पाएगी, खासकर तब जब अंतरराष्ट्रीय कानून और सबूत साफ तौर पर कुछ और कह रहे हों अगर ICC नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करता है, तो वे उन 124 देशों की यात्रा नहीं कर पाएंगे जो ICC के सदस्य हैं। इनमें अधिकांश यूरोपीय और अफ्रीकी देश शामिल हैं। हालांकि इजरायल ICC का सदस्य नहीं है, लेकिन वैश्विक दबाव और नेतन्याहू की अंतरराष्ट्रीय छवि को भारी नुकसान होगा।
इजरायल सरकार ने ICC की संभावित कार्रवाई को “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया है और इसे इजरायल की संप्रभुता पर हमला करार दिया है। नेतन्याहू ने खुद कहा है कि “हम किसी विदेशी अदालत से डरने वाले नहीं हैं।
बेन्यामिन नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय अदालत की तलवार लटक रही है। अगर सबूत मजबूत हुए तो इतिहास में पहली बार किसी लोकतांत्रिक देश के वर्तमान प्रधानमंत्री के खिलाफ ICC से गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है। इससे न केवल इजरायल की वैश्विक स्थिति प्रभावित होगी, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के इतिहास में भी एक नई मिसाल बनेगी।
हाल ही में रॉयटर्स ने 16 जुलाई 2025 को प्रकाशित अपनी एक रिपोर्ट में पुष्टि की है कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योवाव गैलंट के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की इजरायली मांग को ठुकरा दिया है।
रिपोर्ट के अनुसार, न्यायालय ने स्पष्ट किया कि गाज़ा में हुए कथित युद्ध अपराधों और मानवीय कानून के उल्लंघन की जांच जारी रहेगी। इजरायल ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया था, लेकिन ICC ने अपने निर्णय में कहा कि उनके पास पर्याप्त आधार हैं इन नेताओं की भूमिका की जांच के लिए। यह मामला वैश्विक स्तर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अगर गिरफ्तारी वारंट लागू होते हैं, तो नेतन्याहू को उन देशों की यात्रा में परेशानी हो सकती है जो ICC के सदस्य हैं। रॉयटर्स की यह रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि मामला अब केवल राजनीतिक विवाद नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर मुद्दा बन चुका है।